सोमवार, 23 सितंबर 2013

शेरू भाई थाने में
 शेरसिंह जी नियुक्त हो गये,
वाहन चालक के पद पर।
तेज तेज’ बस ‘लगे चलाने,
दिल्ली कलकत्ता पथ पर।

तीन बार सिगनल को तोड़ा,
चार हाथियों को रौंधा।
डर के मारे बीच सड़क पर,
भालू गिरा, हुआ औंधा।

 सीटी बजा बजा चूहे ने
किसी तरह‌ ‘बस’ रुकवाई।
उसी समय पर दौड़े दौड़े,
आ पहुंचे भालू भाई।

 दोनों ने जाकर थाने में,
रपट शेर की लिखवाई।
जब से अब तक बंद पड़े हैं,
थाने में शेरू भाई।

 बड़े बड़े लोगों की भी अब,
 नहीं चलेगी मनमानी|
जेल उन्हें भी जाना होगा,
जो हैं शातिर अभिमानी|

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