भीगी बिल्ली
मक्खी पर बैठा था चूहा,
चूहे पर थी बिल्ली|
उड़ते उड़ते पहुँच गये वे,
पल भर में ही दिल्ली|
दिल्ली वालों ने तीनों की,
खूब उड़ाई खिल्ली|
तीनों गुस्से से चिल्लाये,
दिल्ली बड़ी निठल्ली|
दिल्ली को हम कर देंगे,
दो पल में पिल्ली पिल्ली|
गिरा गिरा कर विकिट धड़ा धड़,
उड़वा देंगे गिल्ली|
यह सुनकर दिल्ली वालों के,
नीचे धरती हिल्ली|
डर के मारे दिल्ली वाले,
बन गये भीगी बिल्ली|
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