परी आई है
किसी तरह से नील गगन में,
जाकर अम्मा तारे लादो|
मेरे बालों के जूड़े में,
एक नहीं दो चार सजा दो|
कल जब मैं शाला जाऊंगी,
मैं लाखों में एक दिखूंगी|
नील गगन से आई हूं मैं,
सब मित्रों से यही कहूंगी|
शाला के शिक्षक बच्चे सब,
हाय हलो करने आयेंगे|
परी आ गई परी आ गई,
जोर जोर से चिल्लायेंगे|
मैं खुशियों के आसमान में,
सपने लेकर उड़ जाऊंगी,
मिला समय तो चंदा मामा ,
से भी दो पल मिल आऊंगी|
शनिवार, 28 सितंबर 2013
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