बिल्ली दीदी हज को
हाल यहाँ के ठीक नहीं हैं ,
अफरा तफरी मची हुई है |
शेर खा रहें हैं चूहों को ,
निर्बल जनता डरी हुई है |
चूहों को तो खास तौर पर,
सिर्फ तुम्हारे लिए बनाया |
यमदूतों ने चित्रगुप्त के ,
खातों में भी यही लिखाया |
क्यों चूहों को शेर खा रहे ,
शोध तुम्हें इस पर करना है |
जल्दी आओ दीदी दिल्ली,
आज बिल्लियों का धरना है|
माल तुम्हारे हिस्से का है,
कब्जा शेर जमाये बैठे |
छोटे जीव जंतुओं तक का ,
माल मज़े से खाए बैठे |
सदियों से यह रीत रही है,
चूहों को बिल्ली है खाती |
सौ चूहे जब खा लेती है ,
तब ही तो है को जा पाती |
आगे परिश्रम कर लो दीदी,
कठिन नहीं सौ चूहे खाना |
इतनी ढीली क्यों हो दीदी,
नहीं तुम्हें क्या हज को जाना |
एक पतंगा मोबाइल पर ,
लगा बात करने बिल्ली से|
बोला क्षमा करेंगीं दीदी ,
लगा बात करने बिल्ली से|
बोला क्षमा करेंगीं दीदी ,
बोल रहा हूँ मैं दिल्ली से |
हाल यहाँ के ठीक नहीं हैं ,
अफरा तफरी मची हुई है |
शेर खा रहें हैं चूहों को ,
निर्बल जनता डरी हुई है |
चूहों को तो खास तौर पर,
सिर्फ तुम्हारे लिए बनाया |
यमदूतों ने चित्रगुप्त के ,
खातों में भी यही लिखाया |
क्यों चूहों को शेर खा रहे ,
शोध तुम्हें इस पर करना है |
जल्दी आओ दीदी दिल्ली,
आज बिल्लियों का धरना है|
माल तुम्हारे हिस्से का है,
कब्जा शेर जमाये बैठे |
छोटे जीव जंतुओं तक का ,
माल मज़े से खाए बैठे |
सदियों से यह रीत रही है,
चूहों को बिल्ली है खाती |
सौ चूहे जब खा लेती है ,
तब ही तो है को जा पाती |
आगे परिश्रम कर लो दीदी,
कठिन नहीं सौ चूहे खाना |
इतनी ढीली क्यों हो दीदी,
नहीं तुम्हें क्या हज को जाना |
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