[१]
छन्नूजी
दाल भात रोटी मिलती तो.
छन्नू नाक चढ़ाते|
पुड़ी परांठे रोज रोज ही.
मम्मी से बनवाते|
हुआ दर्द जब पेट, रात को.
तड़फ तड़फ चिल्लाये|
बड़े डाक्टर ने इंजॆक्शन
आकर चार लगाये|
छन्नूजी अब दाल भात या.
रोटी ही खाते हैं|
पुड़ी परांठे.दिए किसी ने
गुस्सा हो जाते हैं|
क, ख, ग, घ, च, छ ,ज |
हंसकर सबको बतलाती है ,
हिन्दी भाषा का रुतवा |
मजबूरी में जब अंग्रेजी ,
में ए. बी .सी .डी लिखती |
हारी हारी थकी थकी सी ,
सूखे पत्ते सी दिखती |
गुस्से में कहती है मुझको ,
हिन्दुस्तानी पढ़ना है |
अंग्रेजी भाषा से मुझको ,
अभी नहीं माँ जुड़ना है |
छन्नूजी
दाल भात रोटी मिलती तो.
छन्नू नाक चढ़ाते|
पुड़ी परांठे रोज रोज ही.
मम्मी से बनवाते|
हुआ दर्द जब पेट, रात को.
तड़फ तड़फ चिल्लाये|
बड़े डाक्टर ने इंजॆक्शन
आकर चार लगाये|
छन्नूजी अब दाल भात या.
रोटी ही खाते हैं|
पुड़ी परांठे.दिए किसी ने
गुस्सा हो जाते हैं|
[२]
हिन्दी भाषा का रुतवा |
जब गुड़िया कापी में लिखती ,क, ख, ग, घ, च, छ ,ज |
हंसकर सबको बतलाती है ,
हिन्दी भाषा का रुतवा |
मजबूरी में जब अंग्रेजी ,
में ए. बी .सी .डी लिखती |
हारी हारी थकी थकी सी ,
सूखे पत्ते सी दिखती |
गुस्से में कहती है मुझको ,
हिन्दुस्तानी पढ़ना है |
अंग्रेजी भाषा से मुझको ,
अभी नहीं माँ जुड़ना है |
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