[1]
चिड़िया रानी के
बैठ पेड़ पर चिड़िया रानी,
करती है मस्ती मनमानी।
फर-फर-फर-फर पंख चलाए।
फुर्र-फुर्र करती उड़ जाए।
फिर से आकर बैठी छत पर।
फुदक रही है मटक-मटककर।
पता नहीं यह कब जाएगी।
किसके घर खाना खाएगी।
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