शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2013

खेल भावना




  •           खेल भावना   
  • एक सड़क पर मक्खी मच्छर,
  • बैठ गये शतरंज खेलने|
  • थे सतर्क बिल्कुल चौकन्ने
  • एक दूजे के वार झेलने।
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  • मक्खी ने जब चला सिपाही,
  • मच्छर ने घोड़ा दौड़ाया|
  • मक्खी ने चलकर वजीर को,
  • मच्छर का हाथी लुड़काया।
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  • मच्छर ने गुस्से के मारे,
  • ऊँट चलाकर हमला बोला|
  • मक्खी ने मारा वजीर से
  • ऊँट हो गया बम बम भोला।
  •  
  • ऊँट मरा जैसे मच्छर का,
  • वह गुस्से से लाल हो गया|
  • मक्खी बोली यह मच्छर तो,
  • अब जी का जंजाल हो गया|
  •  
  • मच्छर ने तलवार उठाकर,
  • मक्खीजी पर वार कर दिया|
  • मक्खी ने मच्छर का सीना
  • चाकू लेकर पार कर दिया|
  •  
  • मच्छर मक्खी दोनोँ का ही,
  • पल में काम तमाम हो गया|
  • देख तमाशा रुके मुसाफिर,
  • सारा रस्ता जाम हो गया।
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  • खेलो खेल सदा मिल‌जुलकर,
  • झगड़ा दुखदाई होता है|
  • खेल खेल में लड़ जाना तो,
  •  बीज दुश्मनी के बोता है|

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