बाल गीत :नाच बंदरिया
छम-छम-छम-छम नाच
बंदरिया,
छम-छम-छम-छम
नाच।
भीड़ खड़ी है नाच
देखने,
कमर जरा मटका
दे।
पैर पटक ले आगे
पीछे,
घुंघरू जरा बजा
दे।
नहीं हुई है अब
तक बोहनी,
कमा रुपए दस, पांच बंदरिया।
छम..............
तू है भूखी
प्यासी।
इन रुपयों से
मिल जाएगी,
रोटी पौना आधी।
कह दे दया धर्म
वालों पर,
कभी न आती आंच
बंदरिया।
छम.........
बाथरूम में बतला
किसने,
पानी व्यर्थ
बहाया।
बता बंदरिया कौन
सड़क के,
पेड़ काटकर आया।
खीच-खीच कर बाहर
ले आ,
उस पापी का हाथ
बंदरिया।
छम........
बतला किसने आज किए हैं,
नंबर दो के काम।
घूस खाई है
जिसने उसका,
पकड़ खीचकर कान।
मिला बेहिचक आंख
ठीक से,
सबके चेहरे बांच
बंदरिया।
छम......
यह भी बतला सुबह
गली में,
कचरा किसने
फेका।
पान-तंबाकू खाकर
किसने,
बीच सड़क पर
थूका।
जिस-जिस ने भी
सिग्नल तोड़ा,
तू डंडे से हांक
बंदरिया।
छम......
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