बाल कविता : बाबूजी का दिवाला
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आठ-आठ सौ की दो साड़ी,
तेरह सौ का चश्मा काला।
मां बोली कुल कितना होगा,
है क्या तुमने जोड़ निकाला?
बेटा बोला, जोड़ ठीक है,
पर मां तुमने डाका डाला।
इसी तरह से तो निकला है,
बाबूजी का हाय दिवाला।
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